Skip to main content

Posts

तेरे होंठो की हंसी मुझे आज भी अच्छी लगती है। तेरे 
Recent posts
फूलो से खुशबू तो गुलशन से  इत्र चुराया होगा आंखो में नूर तो चेहरे पर माशुमियात सजाया होगा।  कोई हसीन मंजर देखा होगा उसने या कोई नूरानी चेहरा आंखों में समया होगा। और उपर वाला बना सके तुम्हे, ऐसी कलाकारी उसमे कहा। उसने भी जरूर कहीं और से चुराया होगा।.......A.
बड़ी बेबस वो रात रही होगी। जब वो किसी और के साथ रही होगी। जो कहती थी बस तुम्हारी हू और तुम्हारी ही रहूंगी। अब वो किसी और का काट रही होगी।
बहुत मुश्किल है ये जिंदगी, मगर हमने भी ये जिद ठानी है। तू करले कितने भी शीतम ऐ जिंदगी हम सिकंदर है इस मुश्किल ऐ वक़्त का हर मुश्किल में ये जंग जीत के दिखानी है।
 आज इंसानियत फिर एक बार शर्मसार हो गई। एक मासूम कुछ दरिंदो का शिकार हो गई। जिसे रखा था अपने कलेजे से लगाकर  उसकी आखिरी दीदार के लिए एक मा लाचार हो गई। होगी उसकी भी कोई बहन किसी का वह भी बेटा होगा  और कितना क्रुर था वो जिसने उसे तड़पाया होगा। है वो भी किसी की बेटी एक बार तो जहन में आया होगा जब उसकी कपड़ों की तरफ तूने हाथ बढ़ाया होगा और कैसा नामर्द है तू जिसने साबित करने के लिए एक मासूम को आजमाया होगा। जिसे पूजा होगा तूने कभी एक देवी के रूप में आज उसी की आबरू तार तार हो गई।  आज इंसानियत फिर एक बार शर्मसार हो गई। अनपढ़ो की क्या बात करें एक ग्रैजुएट ने ही वर्दी का अपमान किया। कुछ चंद कागज के टुकड़ों के लिए अपने ज़मीर को भी बेच दिया। हाथ उसके भी कप्पकपाए होंगे याद  उसको भी अपनी बेटी आयी होगी। जब एक पिता से पहले उसने उस मासूम की चिता जलाई होगी। है जिसपर इंसानियत को यकीन आज वही वर्दी दागदार हो गई। आज इंसानियत फिर एक बार शर्मसार हो गई। कभी निर्भया तो कभी शिवानी कभी हाथरस तो कभी दिल्ली की कहानी। बायां करती है वो मासूम हर दर्द अपनी मा की जुबानी। अब तो बर्दास्त की भी हद पार हो गई आज इंसानियत फिर
 खा कर टुकड़ा रोटी का वो हर बार साथ निभाते है। तकलीफ होती है उन्हें भी और दर्द आंखो से छलक जाता है। बेजुबानों को कहा होता है हुनर बदलने का  ये तो इंसनो की फितरत है जो मतलब निकलने बाद बदल जाते है।